"कंप्यूटर सिस्टम" | COMPUTER SYSTEM :
"कंप्यूटर सिस्टम"

"कंप्यूटर सिस्टम" का
मतलब होता है कंप्यूटर के विभिन्न हिस्सों और उपकरणों का एक संगठित समूह जो मिलकर
कंप्यूटिंग कार्यों को पूरा करने में मदद करता है। यह सिस्टम हार्डवेयर, सॉफ़्टवेयर,
ऑपरेटिंग सिस्टम,
एप्लीकेशन और उपयोगकर्ता को मिलकर कंप्यूटिंग
सेवाएं प्रदान करने में मदद करता है।
कम्प्यूटर
सिस्टम के प्रकार:-
कंप्यूटर सिस्टम कई भिन्न हिस्सों में विभाजित होता है, जिनमें प्रमुख भाग निम्नलिखित होते हैं:
1 . हार्डवेयर (Hardware): यह कंप्यूटर के शारीरिक उपकरणों को सम्मिलित करता है, जैसे कि प्रोसेसर, मॉद्यूलर,
माउस,
कीबोर्ड,
मॉनिटर,
हार्ड ड्राइव,
आदि।
2. सॉफ़्टवेयर (Software): यह कंप्यूटर के आदर्श तथा गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले
प्रोग्रामों का समूह है, जिनमें ऑपरेटिंग सिस्टम,
ऐप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर, और ड्राइवर शामिल होते हैं।
3. ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System):
यह सॉफ़्टवेयर का एक प्रमुख हिस्सा होता है जो
हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के बीच संवाद स्थापित करने में मदद करता है। यह
उपयोगकर्ता के साथ संवाद करने के लिए इंटरफ़ेस प्रदान करता है और सिस्टम के सभी
संसाधनों का प्रबंधन करता है।
4. ऐप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर (Application Software):
ये सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम होते हैं जिन्हें
उपयोगकर्ता विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए उपयोग करते हैं, जैसे कि वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट,
गेम्स,
मल्टीमीडिया संबंधित सॉफ़्टवेयर, आदि।
5 . डेटा: डेटा सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसमें जानकारी की भंडारण, प्रोसेसिंग,
और प्रसारण की जाती है।
यह
विभिन्न हिस्सों से मिलकर एक पूरे कंप्यूटर सिस्टम को बनाते हैं जो कंप्यूटिंग
कार्यों को संभालता है।
हार्डवेयर
क्या हैः-
हार्डवेयर कंप्यूटर सिस्टम के शारीरिक भागों को संदर्भित करता है। यह
उन उपकरणों का संयोजन होता है जो कंप्यूटर की दृष्टि से देखे जाते हैं और
कंप्यूटिंग कार्यों को संभालने में मदद करते हैं।
हार्डवेयर
के मुख्य घटक निम्नलिखित होते हैं:
1. . प्रोसेसर (Processor): यह कंप्यूटर की ब्रेन होती है जो डेटा को प्रोसेस करके कंप्यूटिंग
कार्य करती है।
2. मेमोरी (Memory): मेमोरी कंप्यूटर के डेटा और प्रोग्रामों को स्टोर करने के लिए उपयोग
होती है।
3.
स्टोरेज (Storage): स्टोरेज डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए होता है, जैसे कि हार्ड ड्राइव और सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD)।
4.
इनपुट डिवाइसेस (Input Devices):
ये उपकरण डेटा को कंप्यूटर में दाखिल करने के
लिए उपयोग होते हैं, जैसे कि कीबोर्ड, माउस, स्कैनर आदि।
5.
आउटपुट डिवाइसेस (Output Devices):
ये उपकरण कंप्यूटर से निकलने वाले डेटा को
प्रदर्शित करने के लिए उपयोग होते हैं,
जैसे कि मॉनिटर,
प्रिंटर,
स्पीकर आदि।
6.
मदरबोर्ड (Motherboard): यह हार्डवेयर के विभिन्न घटकों को संयोजित करने के लिए बेस प्लेट होती
है और डेटा की पारंपरिक तरीके से परियाप्त गति प्रदान करती है।
7.
नेटवर्क इंटरफेस कार्ड (Network Interface Card - NIC):
यह कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ने के लिए उपयोग
होता है, जिससे डेटा इंटरनेट या नेटवर्क पर ट्रांसफर किया जा सकता है।
8.
ग्राफिक्स कार्ड (Graphics Card):
यह वीडियो और ग्राफिक्स प्रदर्शन के लिए उपयोग
होता है और बेहतर गेमिंग और मल्टीमीडिया अनुभव प्रदान करने में मदद करता है।
9.
पावर सप्लाई (Power Supply): यह कंप्यूटर के सभी घटकों को शक्ति प्रदान करने के लिए होता है।
ये
हार्डवेयर के कुछ मुख्य घटक होते हैं,
जो कंप्यूटर सिस्टम की विभिन्न कार्यों को पूरा
करने में मदद करते हैं।
सॉफ़्टवेयर
क्या हैः-
सॉफ़्टवेयर कई प्रकार के होते हैं,
जो विभिन्न कार्यों और उपयोगकर्ता की
आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ मुख्य सॉफ़्टवेयर
के प्रकार:
1.
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System):
यह कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के बीच
संवाद स्थापित करने का काम करता है और हार्डवेयर को संचालित करने में मदद करता है।
विंडोज, मैक ओएस, लिनक्स आदि उदाहरण हैं।
2.
एप्लीकेशन सॉफ़्टवेयर (Application Software):
ये सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम होते हैं जिन्हें
उपयोगकर्ता विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए उपयोग करते हैं। वर्ड प्रोसेसिंग
सॉफ़्टवेयर, स्प्रेडशीट सॉफ़्टवेयर,
गेम्स,
मल्टीमीडिया सॉफ़्टवेयर, आदि उदाहरण हैं।
3.
डेवलपमेंट सॉफ़्टवेयर: ये सॉफ़्टवेयर डेवलपर्स को प्रोग्राम लिखने और
विकसित करने में मदद करते हैं, जैसे कि इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट एनवायरनमेंट (IDE)।
4.
ऑपन सोर्स सॉफ़्टवेयर: ये सॉफ़्टवेयर जो कि स्रोत कोड का साझा किया
गया होता है और मुफ्त में उपलब्ध होता है। लिनक्स,
आपाचे वेब सर्वर,
गूगल क्रोम,
आदि उदाहरण हैं।
5.
उपकरण सॉफ़्टवेयर (Utility Software):
ये सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर के सामान्य कार्यों को
सहायक तरीके से पूरा करने में मदद करते हैं,
जैसे कि एंटीवायर सॉफ़्टवेयर, डिस्क क्लीनअप उपकरण, आदि।
6.
ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ़्टवेयर (Embedded Software):
ये सॉफ़्टवेयर सिस्टम के विभिन्न हार्डवेयर
उपकरणों में सम्मिलित होते हैं और उन्हें संचालित करने में मदद करते हैं, जैसे कि मोबाइल फ़ोनों का सॉफ़्टवेयर।
7.
स्व-विकसित सॉफ़्टवेयर (Custom Software):
ये सॉफ़्टवेयर एक विशिष्ट उपयोगकर्ता या संगठन
की आवश्यकताओं के अनुसार डिज़ाइन किया जाता है।
ये
केवल कुछ सामान्य सॉफ़्टवेयर के प्रकार हैं,
और वास्तविकता में इसके अनेक और भी प्रकार हो
सकते हैं जो विभिन्न उपयोग और आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं।
सिस्टम सॉफ़्टवेयरः-
सिस्टम सॉफ़्टवेयर वह सॉफ़्टवेयर होता है जो कंप्यूटर सिस्टम को
प्रबंधित करने और सचेत रखने में मदद करता है। यह सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर हार्डवेयर के
साथ संवाद स्थापित करने का काम करता है और उपयोगकर्ताओं को उनकी आवश्यकताओं के
अनुसार अनुमतियों और सेवाओं का प्रबंधन करने में मदद करता है।
सिस्टम
सॉफ़्टवेयर के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित होते हैं:
1.
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System):
यह सिस्टम सॉफ़्टवेयर का सबसे महत्वपूर्ण
हिस्सा होता है जो कंप्यूटर हार्डवेयर को प्रबंधित करने में मदद करता है। यह
उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस प्रदान करता है,
प्रोसेस को स्थानांतरित करता है, मेमोरी का प्रबंधन करता है, और अन्य सिस्टम सॉफ़्टवेयर को संचालित करने में
मदद करता है। उदाहरण: Windows, macOS, Linux आदि।
2.
ड्राइवर (Driver): ड्राइवर सिस्टम सॉफ़्टवेयर होते हैं जो हार्डवेयर को ऑपरेटिंग सिस्टम
से संवाद स्थापित करने में मदद करते हैं। ये विभिन्न हार्डवेयर उपकरणों के लिए
जरूरी होते हैं, जैसे कि प्रिंटर ड्राइवर,
ग्राफिक्स कार्ड ड्राइवर, आदि।
3.
ऑपरेटिंग सिस्टम उपकरण (Operating System Utilities):
ये सिस्टम सॉफ़्टवेयर के उपकरण होते हैं जो
ऑपरेटिंग सिस्टम के कामकाज को सुविधाजनक बनाने में मदद करते हैं, जैसे कि डिस्क क्लीनअप उपकरण, डिस्क डिफ़्रेगमेंटर, आदि।
4.
बूटलोडर (Bootloader): यह सिस्टम सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर को बूट करने के लिए आवश्यक कोड प्रदान
करता है, जिससे ऑपरेटिंग सिस्टम या अन्य सिस्टम सॉफ़्टवेयर स्थानांतरित हो सके।
5.
वायरस स्कैनर (Virus Scanner):
यह सिस्टम सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर को वायरस और
अन्य कुख्यात मालवेयर से बचाने में मदद करता है।
सिस्टम
सॉफ़्टवेयर का उद्देश्य कंप्यूटर के सठिक और सुरक्षित संचालन की सुनिश्चित करना
होता है ताकि उपयोगकर्ता को अपने कामों को सही तरीके से करने में कोई दिक्कत ना
हो।
ऑपरेटिंग सिस्टमः-
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating
System) एक सिस्टम सॉफ़्टवेयर होता है जो कंप्यूटर
हार्डवेयर को प्रबंधित करने, उपयोगकर्ता के साथ संवाद स्थापित करने,
और उपयोगकर्ता के द्वारा चलाए जाने वाले
प्रोग्रामों को संचालित करने में मदद करता है। यह कंप्यूटर सिस्टम का एक
महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और उपयोगकर्ताओं को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने में मदद
करता है।
ऑपरेटिंग
सिस्टम के कुछ मुख्य कार्य हैं:
1.
हार्डवेयर प्रबंधन: ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर के संसाधनों को
प्रबंधित करता है और उनका उपयोग करने का तरीका निर्धारित करता है। यह मेमोरी के
व्यवस्थापन, प्रोसेसर के सामयिक विभाजन,
इनपुट और आउटपुट डिवाइसेस के प्रबंधन आदि करता
है।
2.
फ़ाइल प्रबंधन: ऑपरेटिंग सिस्टम फ़ाइल्स और फ़ोल्डर्स की
प्रबंधन करता है, जिससे उपयोगकर्ता डेटा को संग्रहित कर,
संशोधित कर,
और उपयोग कर सकते हैं।
3.
उपयोगकर्ता संवाद: यह उपयोगकर्ता के साथ संवाद स्थापित करने के
लिए इंटरफ़ेस प्रदान करता है, जैसे कि ग्राफिकल यूज़र इंटरफ़ेस (GUI)
और कमांड लाइन इंटरफ़ेस (CLI)।
4.
प्रोसेस मैनेजमेंट: ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोसेसों का प्रबंधन करता है, जैसे कि किस प्रोसेस को कितनी समय तक प्रोसेसर
मिलेगा और कैसे स्थानांतरित किया जाएगा।
5.
मल्टीटास्किंग: यह उपयोगकर्ताओं को एक साथ कई कार्यों को करने
में मदद करता है, जिससे विभिन्न प्रोग्राम एक साथ चल सकते हैं।
6.
मेमोरी मैनेजमेंट: यह मेमोरी के उपयोग को प्रबंधित करता है और
प्रोसेसों के बीच मेमोरी साझा करता है।
7.
सिक्योरिटी और एक्सेस कंट्रोल: ऑपरेटिंग सिस्टम सुरक्षा उपायोग करके सिस्टम
डेटा और संसाधनों की सुरक्षा बनाए रखने में मदद करता है।
ऑपरेटिंग
सिस्टम उपयोगकर्ताओं को उपयोगकर्ता अनुभव सुविधाजनक बनाने में मदद करता है और
कंप्यूटर सिस्टम के सामान्य कार्यों को सहयोगी बनाता है।
एप्लीकेशन सॉफ़्टवेयरः-
एप्लीकेशन सॉफ़्टवेयर (Application
Software) वह सॉफ़्टवेयर होता है जिसे उपयोगकर्ता विशिष्ट
कार्यों को पूरा करने के लिए उपयोग करते हैं। यह सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ता के
आवश्यकताओं और कामों के अनुसार डिज़ाइन किया जाता है और उपयोगकर्ताओं को उनके
कार्यों को आसानी से पूरा करने में मदद करता है।
एप्लीकेशन
सॉफ़्टवेयर के उदाहरण निम्नलिखित हो सकते हैं:
1.
ऑफिस सूट: यह सॉफ़्टवेयर समृद्ध फ़ीचर्स के साथ आता है और
कार्यालय कामों के लिए उपयोग होता है,
जैसे कि वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट,
प्रेजेंटेशन बनाना आदि। Microsoft Office और LibreOffice उदाहरण हैं।
2.
गेम्स: वीडियो गेम्स भी एक प्रकार के एप्लीकेशन
सॉफ़्टवेयर होते हैं जिन्हें उपयोगकर्ता मनोरंजन और खेलने के लिए उपयोग करते हैं।
3.
ग्राफिक्स एडिटिंग सॉफ़्टवेयर: यह सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ताओं को छवियों और
ग्राफिक्स को संपादित करने की सुविधा प्रदान करते हैं, जैसे कि Adobe
Photoshop, GIMP आदि।
4.
मल्टीमीडिया सॉफ़्टवेयर: ये सॉफ़्टवेयर ऑडियो और वीडियो संपादन के लिए
उपयोग होते हैं, जैसे कि Adobe Premiere, Audacity, Windows
Media Player आदि।
5.
वेब ब्राउज़िंग सॉफ़्टवेयर: ये सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट पर
ब्राउज़ करने की सुविधा प्रदान करते हैं,
जैसे कि Google
Chrome, Mozilla Firefox, Microsoft Edge आदि।
6.
वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ़्टवेयर: ये सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ताओं को लेखनिका काम
करने के लिए मदद करते हैं, जैसे कि Microsoft Word, Google Docs आदि।
7.
फाइल मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर: ये सॉफ़्टवेयर फ़ाइलों और फ़ोल्डर्स को
संग्रहित करने और प्रबंधित करने की सुविधा प्रदान करते हैं, जैसे कि Windows
Explorer, macOS Finder आदि।
ये
कुछ उदाहरण हैं एप्लीकेशन सॉफ़्टवेयर के,
और वास्तविकता में और भी अनेक प्रकार के
एप्लीकेशन सॉफ़्टवेयर हो सकते हैं जो उपयोगकर्ताओं के विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा
करने में मदद करते हैं।
डेटाः-
डेटा एक संग्रहित और संचित रूप में जानकारी का सेट होता है जो किसी
विशिष्ट संदर्भ में सामग्री, तथ्य, आंकड़े, या विवरण की रूपरेखा हो सकती है। डेटा का उपयोग जानकारी को प्राप्त, स्टोर,
प्रोसेस और प्रस्तुत करने में होता है। यह
विभिन्न रूपों में प्रस्तुत हो सकता है,
जैसे कि टेक्स्ट,
ग्राफिक्स,
आवद्धारण,
आदि।
डेटा
के मुख्य प्रकार:
1.
नंबरिक डेटा (Numerical Data):
यह आंकड़ों,
संख्याओं और मात्राओं का संग्रह होता है, जैसे कि आय,
ऊचाई,
उम्र,
आदि।
2.
टेक्स्ट डेटा (Text Data): टेक्स्ट डेटा में शब्द,
वाक्य,
या अन्य लिखित सामग्री का संग्रह होता है, जैसे कि नाम,
पता,
आदि।
3.
आवद्धारण डेटा (Visual Data): यह चित्र, ग्राफिक्स, चार्ट्स, और अन्य आवद्धारण सामग्री का संग्रह होता है, जिससे जानकारी को विजुअल रूप में प्रस्तुत किया
जा सकता है।
4.
आवश्यकता के हिसाब से डेटा (Categorical Data):
इसमें जानकारी की विशिष्ट श्रेणियाँ और
गुणवत्ताएँ होती हैं, जैसे कि रंग, जाति, या स्थिति।
डेटा
का सही तरीके से प्रबंधन और विश्लेषण करके,
हम जानकारी निकाल सकते हैं और उसका उपयोग
विभिन्न क्षेत्रों में कर सकते हैं,
जैसे कि विज्ञान,
व्यावसायिक,
और सामाजिक क्षेत्रों में निर्णय लेने में।
Comments
Post a Comment